1.
Name of the 11th अध्याय of अष्टाङ्गहृदयम्-सूत्रस्थान
2.
"क्षयेण ………….. गुणानां वर्धनेन च|"
3.
शब्दासहिष्णुता is the लक्षण of …….
4.
हृद्द्रवः is the लक्षण of …….
5.
क्लेदविधृति is the प्राकृत कर्म of …… मल
6.
भ्रम is the लक्षण of …….
7.
प्लीह्नो वृद्धिः is the लक्षण of …….
8.
जीवन is the प्राकृत कर्म of …… धातु
9.
स्फुटनं त्वचः is the लक्षण of …….
10.
क्लेदवाहन is the प्राकृत कर्म of …… मल
11.
निद्रानाश is the लक्षण of …….
12.
मेधा is the प्राकृत कर्म of …… दोष
13.
अल्पेऽपि चेष्टिते श्वासं is the लक्षण of …….
14.
Identify the wrong pair
15.
संज्ञामोह is the लक्षण of …….
16.
लेप is the प्राकृत कर्म of …… धातु
17.
ग्रन्थि is the लक्षण of …….
18.
स्नेह is the प्राकृत कर्म of …… धातु
19.
कुष्ठ is the लक्षण of …….
20.
उष्णकामत्व is the लक्षण of …….
21.
क्षम is the प्राकृत कर्म of …… दोष
22.
प्रभा is the प्राकृत कर्म of …… दोष
23.
दौर्गन्ध्यकण्डूः is the लक्षण of …….
24.
क्षुत् is the प्राकृत कर्म of …… दोष
25.
प्रीणन is the प्राकृत कर्म of …… धातु
26.
"मांसवृद्धिभवान् रोगान् …………….|"
27.
पूरण is the प्राकृत कर्म of …… धातु
28.
धातुगति is the प्राकृत कर्म of …… दोष
29.
अल्पनिद्रता is the लक्षण of …….
31.
"यन्नाशे नियतं नाशो यस्मिंस्तिष्ठति तिष्ठति|" is told in respect to
32.
अवष्टम्भ is the प्राकृत कर्म of …… मल
33.
तिमिरदर्शनम् is the लक्षण of …….
34.
नेत्राङ्गगौरवम् is the लक्षण of …….
35.
उत्साह is the प्राकृत कर्म of …… दोष
36.
दन्तकेशशदनं is the लक्षण of …….
37.
अक्षग्लानि is the लक्षण of …….
38.
धारण is the प्राकृत कर्म of …… धातु
39.
आलस्य is the लक्षण of …….
40.
अम्लशिशिरप्रीति is the लक्षण of …….